एक सोची समझी भयानक घटना या कोई चाल ? : पहलगाम में आतंकवादी हमला
DATE : 22 अप्रैल 2025
PLACE : बाईसरन घाटी, पहलगाम, अनंतनाग जिला, जम्मू-कश्मीर
पहलगाम में जो जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में है वहां 22 अप्रैल 2025 को एक गंभीर और दुखद आतंकी हमला हुआ। इस हिंसक घटना में 28 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए। ये आतंकवादी हमला सोची समझी सजिसज का हिस्सा था
जिसने कई परिवार को तबाह और बर्बाद कर दिया ,हमला एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल, पहलगाम के बाईसरन घाटी में हुआ, जहाँ आमतौर पर बड़ी संख्या में सैलानी घूमने आते हैं।नाम और धर्म पूछ के पहलगाम घूमने गए सैलानियों पे आतंकवादियों ने गोलिया चलाई गई और उन्हें मौत के घाट उतर दिया गया
हमला कैसे हुआ?
दोपहर लगभग 2:50 बजे, 4 से 6 आतंकवादी सेना की वर्दी पहनकर घाटी में पहुंचे और पर्यटकों पर उनक नाम और धर्म पूछने के बाद अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने पहले लोगों से उनका नाम पूछा और फिर उन्हें कलमा पढ़ने को कहा।
कलमा पढ़ना एक धर्म विशेष का कार्य है इसे सभी धर्म के लोग आसानी से नहीं पढ़ सकते अतः जो लोग ऐसा नहीं कर सके, उन्हें आतंकवदियों द्वारा गोली मार दी गई। ये भी सुनाने में आया की एक महिला को जानबूझकर छोड़ा गया ताकि वह इस दर्दनाक घटना की जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुँचा सके हालंकि इस स्टेटमेंट की सत्यता पे प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है
हमले की जिम्मेदारी किसने ली?
पहलगाम में हुए इस हमले की जिम्मेदारी “द रेजिस्टेंस फ्रंट” (TRF) नामक आतंकी संगठन ने ली है, जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा हुआ माना जाता है। TRF ने बयान जारी कर कहा कि यह हमला कश्मीर में जनसंख्या संतुलन बदलने की कोशिशों के विरोध में किया गया।
जैसा की सभी को पता है की समकालिक सरकार देश में बहुत से कानून बदलने का और उन्हें उचित रूप देने का प्रयास कर रही है और यह घटना इसी में से एक कानून के लागु न होने देने के लिए अंजाम दी गई
अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यह हमला केवल भारत ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी गहरी चिंता का विषय बन गया। उस समय भारत में मौजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इस हमले की कड़ी निंदा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए अपनी सऊदी अरब यात्रा तुरंत रद्द कर दी और दिल्ली लौटकर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाई।
जैसा की आने वाले महीने में ही अमारनाथ जी की यात्रा शुरू होने वाली है इस घटना का असर यात्रा पे भी पड़ना तय है , इसके बाद, सुरक्षा एजेंसियों ने व्यापक तलाशी अभियान चलाया और करीब 100 संदिग्धों को हिरासत में लिया। इस हमले के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया और पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई। कई उड़ानों को भी रद्द कर दिया गया।
निष्कर्ष
देखा जाये तो यह घटना देश के लिए एक कड़वा सबक है कि आतंकवाद अभी भी एक गंभीर चुनौती बना हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को और भी अधिक सतर्कता और रणनीति की ज़रूरत है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके और क्षेत्र में स्थायी शांति कायम की जा सके।