DIGITAL DETOX:डिजिटल युग में मानसिक शांति की खोज:आप भी तनाव में है क्या ?

DIGITAL DETOX:डिजिटल युग में मानसिक शांति की खोज:आप भी तनाव में है क्या ?

DIGITAL DETOX:डिजिटल युग में मानसिक शांति की खोज:आप भी तनाव में है क्या ?
DIGITAL DETOX:डिजिटल युग में मानसिक शांति की खोज:आप भी तनाव में है क्या ?

भारत में युवाओं में बढ़ रहा है डिजिटल डिटॉक्स का चलन:DIGITAL DETOX

DIGITAL DETOX –आज के इस डिजिटल दौर में, जहाँ मोबाइल फोन,टेलीविज़न ,OTT चैनल्स ,सोशल मीडिया और इंटरनेट हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं, वहीं मानसिक स्वास्थ्य और उससे संबंधित बीमारिया एक गंभीर और तेजी से बढ़ती हुई समस्या बन गई है। विशेष रूप से भारत में युवा वर्ग इस मानसिक दबाव का प्रमुख शिकार बनता जा रहा है। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग और एक निजी शोध संस्था द्वारा किए गए सर्वेक्षण में सामने आया कि 18 से 35 वर्ष की उम्र के लगभग 65 % युवा तनाव, चिंता या नींद से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं।

मानसिक असंतुलन के पीछे छिपा कारण है :DIGITAL OVERLOAD 

विशेषज्ञों के अनुसार इस समय मानसिक असंतुलन का सबसे बड़ा कारण है — DIGITAL OVERLOAD। हर वक़्त अपने को वर्चुअल संसार में व्यस्त रखना ,अत्यधिक स्क्रीन टाइम, निरंतर सोशल मीडिया पर व्यस्तता, और लगातार सूचनाओं की अधिकता  मस्तिष्क को थकावट और अस्थिरता की स्थिति में पहुंचा देती है। पल प्रतिपल बदलती घटनाये और स्क्रीन पे तेजी से बदलते परिदृश्य यह स्थिति न केवल मानसिक थकान को जन्म देती है बल्कि आत्मचिंतन और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी प्रभावित करती है।एक सर्वे में सामने आया है की दिन में आधे घंटे से ज्यादा मोबाइल और इंटरनेट इस्तेमाल करना आपके स्मरण करने की शक्ति को कम करता जा रहा है और आप तेजी से भूलने की बीमारी की तरफ बढ़ते जा रहे है।

योग,ध्यान और प्राचीन विधियों की वापसी से करे DIGITAL DETOX

भारत हमेशा से योग और ध्यान का केंद्र रहा है और इस चुनौती का सामना करने के लिए आज के युवा योग, ध्यान और प्राणायाम जैसी पारंपरिक भारतीय विधियों की ओर लौट रहे हैं। ये उपाय उन्हें मानसिक संतुलन, आंतरिक शांति और एकाग्रता प्रदान कर रहे हैं। ध्यान और योग इस मशीनी युग में लोगो को भावनात्मक और कार्यात्मक रूप से एक दूसरे से जोड़ रह है इन पारंपरिक विधियों के साथ-साथ अब एक आधुनिक उपाय भी लोकप्रिय हो रहा है — DIGITAL DETOX

क्या है डिजिटल डिटॉक्स?DIGITAL DETOX

DIGITAL DETOX  जैसा की नामसे सपष्ट है या डिजिटल डिटॉक्स का तात्पर्य है — कुछ समय के लिए डिजिटल उपकरणों से हर तरह से दूरी बनाना, जैसे कि स्मार्टफोन, लैपटॉप, टीवी,तथा अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आदि। इसमें सबसे अधिक सहयोग कर सकता है आपका  मानसिक रूप से मजबूत होना और समाज में घुलने मिलने की व्यहवारिकता होना। आज के युवा “नो-फोन डे”, “स्क्रीन-फ्री ज़ोन”और “वीकेंड सोशल मीडिया ब्रेक” जैसी आदतों को अपनाकर अपने मानसिक स्वास्थ्य को सशक्त बना रहे हैं।

पुणे स्थित एक डिजिटल स्ट्रेस क्लिनिक की संस्थापक हैं, डॉ. सीमा वर्मा, वो बताती हैं कि :

“अत्यधिक डिजिटल होना या इसकी लत लगना आज की सबसे कम आंकी गई लेकिन अत्यंत गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। इस तरह के मानसिक बिमारियों का इलाज कराने के लिए आने वाले 70% से अधिक युवा स्क्रीन ओवरलोड से जुड़ी समस्याओं के कारण आते हैं। DIGITAL DETOX उनके लिए मानसिक रीसेट का एक प्रभावी माध्यम बनता जा रहा है।”

DIGITAL DETOX:डिजिटल युग में मानसिक शांति की खोज:आप भी तनाव में है क्या ?
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DIGITAL DETOX किस तरह से पहुंच बना रहा है ?

भारत में महाराष्ट्र के लोनावला, सातारा, और महाबलेश्वर और बंगलुरु के कुछ शांत पहाड़ी क्षेत्रों में अब डिजिटल डिटॉक्स रिट्रीट्स आयोजित किए जा रहे हैं। इन रिट्रीट्स में भाग लेने वाले प्रतिभागी कुछ दिनों तक पूरी तरह डिजिटल दुनिया से कटकर, प्रकृति के बीच योग और ध्यान के माध्यम से मानसिक शुद्धि प्राप्त करते हैं। इन जगहों पे दुनिया और समाज के सभी झंझटो से दूर शांत वातवरण में बिना किसी इलेक्ट्रॉनिक गजट के आप अपने सम्पूर्ण शरीर और मन को डेटॉक्स कर सकते है।

कॉरपोरेट जगत,बड़ी बड़ी कम्पनिया भी इस परिवर्तन को अपनाने लगी  है। विशेषकर मुंबई और पुणे की कई आईटी कंपनियाँ अब महीने में एक बार “डिजिटल वेलनेस डे” आयोजित करती हैं। इस दिन कर्मचारियों को डिजिटल उपकरणों से ब्रेक लेने और मानसिक विश्राम के लिए प्रेरित किया जाता है।

कई स्कूलों और कॉलेजों में अब विद्यार्थियों के लिए डिजिटल संतुलन कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। इन कार्यशालाओं के माध्यम से युवाओं को डिजिटल लत के खतरे और डिटॉक्स तकनीकों के लाभों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

निष्कर्ष:

डिजिटल युग में मानसिक संतुलन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन चुका है, ये भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सभी देशो के युवाओ की मुख्या समस्या होती जा रही है। लेकिन सभी देशो के युवा अब इसका समाधान ढूंढ़ने की दिशा में सक्रिय हो गए हैं। योग, ध्यान और डिजिटल डिटॉक्स जैसे उपाय उन्हें मानसिक शांति, आत्मचिंतन और आंतरिक संतुलन की ओर ले जा रहे हैं। यदि यह जागरूकता और प्रयास देशभर में फैलते हैं, तो सम्पूर्ण विश्व  एक मानसिक रूप से अधिक सशक्त और संतुलित समाज की ओर अग्रसर हो सकता है।

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राहु गोचर 18 मई 2025 विशेष 

 

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