GURU GOCHAR 2025:गुरु का गोचर14 मई 2025: अगले 14 महीनों तक इन राशियों को रहेगी भारी चुनौती, क्या है ज्योतिषीय उपाय?

GURU GOCHAR 2025: गुरु का गोचर14 मई 2025:अगले 14 महीनों तक इन राशियों को रहेगी भारी चुनौती, क्या है ज्योतिषीय उपाय?

GURU GOCHAR 2025: गुरु का गोचर14 मई 2025
GURU GOCHAR 2025: गुरु का गोचर14 मई 2025

13 मई 2025,NewsFacts24.com

गुरु का गोचर14 मई 2025: क्यों हैं ये 14 महीने महत्वपूर्ण?

14 मई 2025 को देवगुरु बृहस्पति (गुरु) का गोचर बुध देव की राशि मिथुन में होने जा रहा है। गुरु का यह गोचर ज्योतिष के अनुसार एक बहुत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली गोचर माना जा रहा है क्योंकि गुरु एक धीमी गति से चलने वाला ग्रह है जो एक राशि में लगभग 14 महीने तक रहता है। इस गोचर का प्रभाव केवल व्यक्तिगत जीवन ही नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के स्तर पर भी अनुभव किया जा सकता है।

गुरु ग्रह को नवग्रहों में सबसे शुभ और ज्ञानदायक ग्रह माना गया है। यह ग्रह धर्म, शिक्षा, उच्च ज्ञान, धन, विवाह, संतान, न्याय, गुरुओं और भाग्य का प्रतिनिधित्व करता है। जब गुरु किसी कुंडली में शुभ भावों (जैसे नवम, पंचम, या लग्न) में स्थित होता है, तो जातक को सम्मान, प्रसिद्धि, वैभव और सफलता प्राप्त होती है। इसके विपरीत, जब यह ग्रह दुष्ट भावों जैसे अष्टम, द्वादश, या षष्ठ भाव में चला जाए, या शनि, राहु या केतु के प्रभाव में आ जाए, तो इसके परिणाम विपरीत हो जाते हैं। व्यक्ति को धन हानि, शारीरिक कष्ट, मानसिक तनाव, और निर्णयों में भ्रम जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

इस वर्ष गुरु का गोचर मिथुन राशि  में हो रहा है, जो बुध  के स्वामित्व वाली राशि है। चूँकि गुरु और शुक्र स्वभाव से विपरीत ग्रह माने जाते हैं, इसलिए यह गोचर कुछ राशियों के लिए संघर्षपूर्ण और परीक्षा की घड़ी साबित हो सकता है। आइए जानते हैं किन चार राशियों को विशेष रूप से सावधान रहना होगा:


 1. कर्क राशि (Cancer) – द्वादश गुरु,व्यर्थ के खर्चे और यात्रा :GURU GOCHAR 2025

गुरु का गोचर कर्क राशि के द्वादश भाव में हो रहा है, जो व्यक्ति के यात्रा ,खर्चे , कोर्ट,केस,कचहरी और मुकदमो के साथ साथ हॉस्पिटल ,NGO का प्रतिनिधित्व करता है।द्वादश भाव  कुंडली का बहुत अच्छा भाव नहीं माना जाता लकिन फिर भी एक महत्वपूर्ण भाव है। यहां किसी भी ग्रह की उपस्थिति का प्रभाव सीधे जीवन की दिशा पर पड़ता है।

द्वादश भाव का गुरु आपको स्थिर नहीं होने देता ,धर्म से सम्ब्नधित यात्रा ,रोजगार से संबंधित यात्रा और भाग दौड़ जीवन में बनाये रखता है साथ ही  यदि अन्य ग्रहों से पाप दृष्टि हो या कुंडली में लग्न भाव कमजोर हो, तो जातक को अपने निर्णयों और कार्यों में अस्थिरता का अनुभव हो सकता है। गुरु का यहाँ स्थित होना कर्तव्य भ्रम पैदा कर सकता है जिससे कार्यों में मन न लगे और लक्ष्य से भटकाव हो।यहाँ स्थित गुरु पितृ पक्ष या उच्च अधिकारियों से मतभेदसमाज में प्रतिष्ठा को लेकर चिंता और कोई कोर्ट के केस थे तो उनमे फैसले में देर करवाने का कार्य करेगा

आपकी कुंडली में यदि गुरु कमजोर हो तो प्रत्येक गुरुवार पीपल पर जल अर्पित करें,“ॐ बृं बृहस्पतये नमः” का 108 बार जाप करें ,पीले वस्त्र धारण करें और पीली वस्तुओं का दान करें और अंत में  बड़ों और गुरुजनों का आशीर्वाद लें।

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 2. वृश्चिक राशि (Libra) – अष्टम भाव में :GURU GOCHAR 2025

वृश्चिक राशि के लिए गुरु का अष्टम  भाव में गोचर होगा, जो गुप्त धन,गुप्त विद्या,आपकी आयु ,रिसर्च ,खोज अध्यात्म सभी  से संबंधित भाव है। यह भाव परिवर्तन और मानसिक परीक्षा का संकेतक है।अष्टम भाव में गुरु का गोचर बहुत शुभ  नहीं माना जाता  विशेषकर तब जब व्यक्ति मानसिक रूप से अस्थिर हो या पहले से ही स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हो। यहाँ गुरु रहस्यमय और अप्रत्याशित स्थितियाँ उत्पन्न कर सकता है। जीवन की स्थिरता में बाधा उत्पन्न हो सकती है।

यहाँ गोचर किया गुरु अप्रत्याशित खर्चों में वृद्धि,पारिवारिक संपत्ति विवाद या उत्तराधिकार की समस्याएँ,मानसिक चिंता, अनिद्रा या अवसाद पुराने रोगों का दोबारा उभरना या नई बीमारी की आशंका इस तरह की समस्या उत्पन्न करता है। यदि आपकी मूल कुंडली में गुरु अष्टम भाव में है तो गोचर काल में आपको और कठिनाइयां परिलक्षित होंगी। इनसे बचने के लिए गुरु का उपाय करे जैसे की केले के पेड़ की पूजा गुरुवार को करें,हल्दी, चना, और पीले वस्त्र दान करें,“गुरु स्तोत्र” या “विष्णु सहस्त्रनाम” का पाठ करें पारिवारिक जीवन में संवाद और संयम बनाए रखें।


 मकर राशि (Capricorn) – षष्ठ भाव में:GURU GOCHAR 2025

गुरु का षष्ठ भाव में गोचर मकर राशि के जातकों के लिए रोग,शत्रु,फाइनेंस आपके साथ काम करने वाले कलीग या श्रमिक सभी से जुडी समस्याएँ ला सकता है। यह भाव जीवन में कठिन संघर्ष और मानसिक चिंताओं का प्रतिनिधित्व करता है।षष्ठ भाव में गुरु आमतौर पर बहुत शुभ फल नहीं  देता है लेकिन जब इसकी दृष्टि या स्थिति किसी पाप ग्रह से प्रभावित हो, या मूल कुंडली में भी गुरु  कमजोर हो, तो यह भ्रम, ग़लत निर्णय और भावनात्मक अस्थिरता उत्पन्न कर सकता है।

अतः इस भाव में गोचर करके गुरु पढ़ाई या प्रतियोगी परीक्षा में बाधाएँ ,प्रेम संबंधों में दूरी या धोखा,संतान के स्वास्थ्य या पढ़ाई को लेकर चिंता ,निवेश या शेयर बाज़ार में नुकसान,शत्रुओं से पीड़ा एयर मुकदमो में असफलता दे सकता है। इस तरह की परेशानिया परिलक्षित होने पे गुरु को शुभ करने के उपाय करने चाहिए जैसे की बच्चों को पढ़ाई की सामग्री जैसे पुस्तकें और कलम दान करें,रोटी और गुड़ गाय को खिलाएं,“नारायण कवच” या “विष्णु सहस्त्रनाम” का पाठ करें,निवेश में सोच-समझकर निर्णय लेंना या अभी इसमें रूचि न दिखाना।


 क्या करें अगर आपकी राशि प्रभावित है?GURU GOCHAR 2025

अगर आपकी राशि उपरोक्त  में से एक है, तो घबराने की आवश्यकता नहीं है। ज्योतिष हमें आने वाले समय के लिए पूर्व चेतावनी और सुधार के उपाय देता है। उचित समय पर सावधानी और ग्रहों के अनुरूप साधना से हम विपरीत समय को भी अनुकूल बना सकते हैं।

व्यक्तिगत कुंडली विश्लेषण के आधार पर आप और अधिक सटीक दिशा-निर्देश प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि कोई भी गोचर व्यक्ति की दशा, अंतरदशा और भावनात्मक स्थिति के अनुसार अलग-अलग असर देता है।

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