RAHU KA MAHATVA:राहु का गोचर 18 मई 2025,सभी भावों में इसके प्रभाव: एक विस्तृत विश्लेषण

RAHU KA MAHATVA:राहु का गोचर 18 मई 2025,सभी भावों में इसके प्रभाव: एक विस्तृत विश्लेषण

RAHU KA MAHATVA:राहु का गोचर 18 मई 2025,सभी भावों में इसके प्रभाव: एक विस्तृत विश्लेषण
rahu ka mahatva

भारतीय वैदिक ज्योतिष में RAHU KA MAHATAVA समझना नितांत आवश्यक है। राहु को एक छाया ग्रह माना जाता है, जो भ्रम ,भौतिक इच्छाओं,माया,और आपके जीवन में अचानक होने वाली घटनाओं का कारक माना गया है। यद्यपि राहु  एक छाया ग्रह है और इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, फिर भी इसकी कुंडली में स्थिति  हर व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। राहु की आपकी कुंडली में स्थिति और कुंडली के भावों पे  दृष्टि से जातक के जीवन में संघर्ष, अप्रत्याशित लाभ, विदेशी संपर्क, तकनीकी योग्यता और गुप्त ज्ञान से जुड़े अनुभव आते हैं।

 छाया ग्रह राहु का फल प्रत्येक भाव में प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है और उसका प्रभाव जातक की दशा, अंतरदशा और गोचर से भी जुड़ा होता है। आइए देखते है और विस्तार से जानते हैं कि कुंडली के सभी 12 भावों में राहु आपको क्या फल दे सकता है और आपको कितनी सफलता दे सकता है।

कुंडली के 12 भावों में राहु के प्रभाव RAHU KA MAHATVA:

1. प्रथम भाव/लग्नगत राहु

जिस व्यक्ति की कुंडली में राहु प्रथम भाव यानि लग्न में हो उस व्यक्ति का व्यक्तित्व रहस्यमयी, आत्म-केंद्रित और महत्वाकांक्षी हो जाता है। राहु यहाँ अति आत्मविश्वास देता है लेकिन कभी-कभी भ्रम और अस्थिरता भी लाता है आप अपनी सोच के अनुरूप कार्य नहीं कर पाते है। स्वास्थ्य को लेकर उतार-चढ़ाव रह सकता है।RAHU KA MAHATAVA

2. द्वितीय भाव गत  राहु

दूसरे भाव यानि धन अचल सम्पति वाणी आदी के भाव में बैठा राहु  कुटुंब में मतभेद, वाणी में चतुरता और चालाकी लाता है। लकिन इसके साथ ही आर्थिक मामलों में तेजी से वृद्धि और अस्थिरता दोनों संभव हैं। कभी-कभी वंश पर गर्व करने की प्रवृत्ति देखी जाती है।यहां स्थित राहु विदेश यात्रा भी करवा सकता है और विदेशो में स्थाई रूप से बसा भी सकता है।

3. तृतीय भाव गत राहु

इस भाव का राहु साहस, तकनीकी दक्षता और अदम्य आत्मविश्वास प्रदान करता है।चूँकि तीसरा भाव छोटे भाई बहनो का भाव भी है आपका पराक्रम भी है अतः जातक भाई-बहनों के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव अनुभव कर सकता है। मीडिया, संचार और तकनीकी क्षेत्रों में सफलता दिला सकता है।राहु यहाँ बोलने का कौशल देता है।

4. चतुर्थ भाव गत  राहु

चतुर्थ भाव का राहु माँ से संबंधों में जटिलता, संपत्ति विवाद, घर-परिवार में अस्थिरता इत्यादि देता है।  हालांकि वाहन और अचल संपत्ति से अचानक लाभ भी संभव है।चौथा भाव सुख,माँ ,वाहन आपका मूल निवास इत्यादि का भाव है इसलिए राहु आपको इन सब चीजों में राशि अनुसार कभी सफलता तो कभी विफलता देता है।

5. पंचम भाव गत राहु

पंचम भाव का राहु विद्या बुद्धि संतान में बाधाकारक मन जाता है। एक से ज्यादा प्रेम सम्बन्ध और प्रेम संबंधों में धोखा, संतान पैदा होनेमे दिक्कत या संतान पक्ष से चिंता और शिक्षा में रुकावटें या शिक्षा का आभाव सब संभव हैं यदि राहु पंचम भाव में है । यदि राहु शुभ प्रभाव में हो तो राजनीति, सट्टा या क्रिएटिव फील्ड में जबरदस्त सफलता भी मिल सकती है।एक से ज्यादा विषयोंके जानकर हो सकते है और उसका लाभ होने जीवन में उठा सकते है।

6. षष्ठ भाव गत राहु

षष्ठ भाव का राहु रोग शत्रु और ऋण को नष्ट करता है। यहाँ राहु इस भाव का कारक माना जाता हैं। राहु यहाँ शक्ति देता है। जातक शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है, लेकिन स्वास्थ्य समस्याओं से भी जूझ सकता है। प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में अप्रत्याशित सफलता संभव है।पेट से संबंधित रोग खास तौर से अपच गैस और एसिडिटी जैसी बीमारी इस भाव का राहु देता है।

7. सप्तम भाव गत राहु

सप्तम भाव का राहु विवाह और साझीदारी वाले जीवन में अस्थिरता देता है। सप्तम भाव का राहु विदेशी जीवनसाथी का योग या विवाह में विलंब या विवाह करके विदेशो में बसने के लिए प्रेरित करता है। यदि राहु अपने मूल राशियों में हुआ तो व्यवसाय में साझेदारी से लाभ भी मिल सकता है यदि अन्य ग्रह अनुकूल हों।

8. अष्टम भाव गत राहु

अष्टम भाव का राहु रहस्यमयी विषयों, गुप्त विज्ञान, अनुसंधान और बीमा, कर मामलों में सफलता दिला सकता है। लेकिन अचानक दुर्घटना या स्वास्थ्य समस्या का योग भी बन सकता है।यहाँ बैठा राहु आपको गुप्त धन पाने,कोई गुप्त खोज करने और रिसर्च वर्क करने के लिए प्रेरित करता है साथ ही यात्राओं में व्वर्थ के खर्च करवाता है.RAHU KA MAHATAVA

9. नवम भाव गत राहु

नवम भाव आपका भाग्य भाव है यहाँ स्थित राहु आपके धर्म, भाग्य और विदेश यात्रा से जुड़े मामलों में अनियमितता लाता है। जातक परंपराओं से हटकर सोचता है और कभी-कभी गुरुजनों से मतभेद हो सकते हैं।[पिता के स्वस्थ कभी अच्छा तो कभी ख़राब रखता है। आप धर्म को कभी मानते या कभी नहीं मानते है यानि भगवन के अस्तित्व को ले के आप असमंजस की स्थिति में रहते है।

10. दशम भाव गत  राहु

दशम भाव का राहु अत्यधिक श्रेष्ठ कहा गया है हलांकि करियर में अप्रत्याशित चढ़ाव-उतार आते हैं तो राहु ही उसका कारण  होता है ।राहु यहाँ बड़ी प्रसिद्धि, राजनैतिक सफलता और वैश्विक पहचान दिला सकता है। लेकिन नैतिकता से समझौता करने का भी खतरा होता है।राहु यहाँ आपकी वाणी में विशेष योग्यता दे देता है जिसके कारण आप समाज के एक बहुत बड़े वर्ग को अपनी वाक्य शैली से प्रभवित कर देते है।RAHU KA MAHATAVA

11. एकादश भाव गत राहु

एकादश भाव का राहु अचानक धन लाभ, बड़े नेटवर्क, प्रभावशाली मित्रों का सहयोग इत्यादि दिलाता है।  लेकिन लालच और अत्यधिक महत्वाकांक्षा से नुकसान भी हो सकता है।आप कमाने के अनेक संसाधन खोजते है और अलग अलग तरीको से कामना चाहते है। एकादश का राहु आपको शार्प माइंड और बहुमुखी प्रतिभा का धनि बनता है।

12. द्वादश भाव गत  राहु

द्वादस भाव का राहु अंतरराष्ट्रीय संबंध, विदेश में बसने का योग बनता है। खर्चों में वृद्धि और मानसिक बेचैनी संभव है। अध्यात्म की ओर आकृष्टि भी संभव है यदि अन्य ग्रह सहयोगी हों।द्वादस भाव का राहु आपको स्थाई रूप से एक जगह रहने नहीं देता बल्कि आपको भ्रमणशील बनाता है। कार्य या व्यापर के कारन आप बहुत दूर दूर की इतरा करते है और शरीर को थकाते रहते है।

निष्कर्ष:RAHU KA MAHATAVA

राहु जातक के जीवन में अप्रत्याशित मोड़ और गहरी सीख लेकर आता है यह एक रहस्यमय ग्रह है। यह ग्रह जहां एक ओर भौतिक इच्छाओं को बढ़ावा देता है, वहीं दूसरी ओर व्यक्ति को भ्रम और माया जाल में भी फंसा सकता है। कुंडली में राहु की स्थिति को समझना और उसके अनुसार उपाय करना अत्यंत आवश्यक है। विशेषकर जब राहु की महादशा या अंतरदशा चल रही हो, तो योग्य ज्योतिषीय सलाह लेकर उपाय करना जीवन में संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।RAHU KA MAHATAVA

राहु के बारे में और जानने के लिए इस लिंक को क्लीक करे।