Mangal Ketu yuti: सिंह राशि में मंगल-केतु की युति: इन 5 राशियों के लिए बन रही है अशुभ स्थिति! जानें ज्योतिषीय कारण और प्रभाव

Mangal Ketu yuti: सिंह राशि में मंगल-केतु की युति: इन 5 राशियों के लिए बन रही है अशुभ स्थिति! जानें ज्योतिषीय कारण और प्रभाव

 27 may 2025,newsfacts 24
7 जून 2025 को मंगल अपनी नीच राशि कर्क से निकल कर सिंह राशि में केतु के साथ युति समबन्ध बना रहा  हैं, जो एक शक्तिशाली लेकिन अशांत ग्रह संयोग का निर्माण कर रहे हैं, जिसे ज्योतिष में “कुंजकेतु योग” या अंगारक योग  कहा जाता है।केतु खुद भी मंगलवत है यानि मंगल जैसे फल ही देता है। Mangal Ketu yuti

मंगल ऊर्जा और पराक्रम का प्रतिनिधित्व करता है जबकि केतु एक छाया ग्रह है जो जिस ग्रह के साथ होता है उसी के अनुरूप फल देने लगता है और इसीलिए ये रहस्य, अलगाव, भ्रम और आत्ममंथन का सूचक है। जब ये दोनों ग्रह अग्नि तत्व वाली राशि सिंह में मिलते हैं, तो उनके प्रभाव और भी तीव्र हो जाते हैं। यह योग कुछ राशियों के लिए अत्यधिक लाभकारी साबित हो सकता है लेकिन कई राशियों को यह संघर्ष, मानसिक द्वंद्व और शारीरिक क्षति की ओर धकेल सकता है।Mangal Ketu yuti

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 किन राशियों को विशेष सतर्कता रहना है:Mangal Ketu yuti

1. सिंह राशि (Leo):

पहली राशि है सिंह राशि। मंगल आपकी राशि के लिए राजयोगकारी होता है और चूंकि यह युति स्वयं सिंह राशि में हो रही है, इसलिए इसका प्रभाव सबसे अधिक इसी राशि पर पड़ेगा। यह आपके व्यक्तित्व, निर्णय क्षमता और संबंधों पर सीधा असर डालेगा।यह समय आपके आत्ममूल्यांकन का समय है लेकिन अति-आत्मविश्वास से हानि हो सकती है। अत्यधिक गुस्से और असहनशीलता से पारिवारिक जीवन में तनाव बढ़ सकता है। मंगल रक्त का प्रतिनिधित्व करता है अतः केतु के साथ यह शरीर में गर्मी और रक्तचाप संबंधित समस्याएं की बढ़ा सकता है।Mangal Ketu yuti

उपाय: हनुमान जी की उपासना करें, मंगलवार को राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें, अग्नि तत्व को शांत करने के लिए जल का अधिक सेवन करें।

2. वृश्चिक राशि (Scorpio):Mangal Ketu yuti

दूसरी राशि वृश्चिक राशि है। यह  राशि स्वयं मंगल द्वारा शासित है और जब मंगल भ्रम उत्पन्न करने वाले केतु के साथ दशम  भाव (कर्म,राजकीय,शासकीय ) में आता है, तो यह मानसिक एवं शारीरिक चुनौतियों का समय बन जाता है। कार्यस्थल पर विरोधियों से टकराव, झूठे आरोप या मुकदमा होने की संभावना बनाता है। पद और वेतन की वृद्धि में चुनौतियां मिलने लगती है।भावनात्मक रूप से चिड़चिड़ापन और भ्रम की स्थिति बन जाती है जो कार्य क्षेत्र  में और ज्यादा असफलता देती है।सिंह राशि में मंगल-केतु की युति

उपाय: केतु के बीज मंत्र “ॐ कें केतवे नमः” का प्रतिदिन 108 बार जाप करें, मंगलवार को रक्तदान करें, नीम की पत्तियों का सेवन करें।

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3. मकर राशि (Capricorn):सिंह राशि में मंगल-केतु की युति

मकर राशि तीसरी राशि है जिसके लिए ये गोचर बहुत अच्छे परिणाम नहीं देगा। आपकी कुंडली में सिंह आठवां भाव दर्शाता है, जो गूढ़ता, अचानक परिवर्तन और दुर्घटनाओं से जुड़ा होता है। मंगल और केतु दोनों ही इस भाव में तनाव पैदा करते हैं। यत्राओं में खर्च,व्यर्थ का भ्रमण ,रिसर्च या खोज करने में असुविधा इत्यादि इसके दुष्परिणाम होंगे।  अचानक आर्थिक नुकसान या अप्रत्याशित खर्चों में वृद्धि ,पारिवारिक रिश्तों में अविश्वास और दूरी , मानसिक अवसाद, नींद की कमी और चिंता ये सब आपको मंगल और केतु की युति सम सम्ब्नध में देखने को मिलेगा।

उपाय: शनि और केतु की शांति के लिए काली तिल और नारियल बहते जल में प्रवाहित करें, नियमित ध्यान और प्राणायाम करें।

4. वृषभ राशि (Taurus):Mangal Ketu yuti

चौथी राशि वृषभ राशि है।  सिंह राशि आपकी कुंडली का चतुर्थ  भाव है, जो माता ,भूमि ,भवन और वाहन के सुख को दर्शाता है। इस युति से कार्यक्षेत्र में अस्थिरता आ सकती है। नौकरी में अचानक बदलाव या स्थानांतरण,वरिष्ठों से विवाद, जिससे पदोन्नति में देरी आत्मविश्वास की कमी से निर्णयों में असमर्थता,माता के सुख में न्यूनता ,भूमि सम्बन्धी कार्य में वाद विवाद ,और अचल सम्पत्ति बनाने में देरी इस मंगल और केतु के युति का एक दुष्परिणाम हो सकता है।Mangal Ketu yuti

उपाय: माँ दुर्गा की उपासना करें, सोमवार को चावल और दूध का दान करें, नकारात्मक लोगों से दूरी बनाएं।

5. कर्क राशि (Cancer):सिंह राशि में मंगल-केतु की युति

पांचवी और अंतिम राशि कर्क राशि है। सिंह आपकी कुंडली में द्वितीय भाव है, जो वाणी, पारिवारिक संबंध और धन को दर्शाता है। इस भाव में मंगल-केतु की युति से जीवन में कई तरह की बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं। परिवार में किसी सदस्य से विवाद या मनमुटाव आर्थिक नुकसान, खासकर शेयर बाजार या स्पेकुलेशन से जुड़ी हानियाँ,अचल सम्पत्ति याय पूर्वजों की सम्पत्ति मिलने में विवाद ,अपनी खुद की तीखी वाणी से रिश्तों में खटास ये सब समस्याओं से कर्क राशि वालो को दो चार होना पड़ेगा।

उपाय: बुधवार को तुलसी का पूजन करें, हरे रंग के वस्त्र पहनें, गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें।


 निष्कर्ष:Mangal Ketu yuti

मंगल-केतु की युति एक शक्तिशाली लेकिन जोखिम भरा ग्रह संयोग है, जो आंतरिक ऊर्जा को असंतुलित कर सकता है। जिन राशियों की कुंडली में यह युति महत्वपूर्ण स्थानों पर बन रही है, उन्हें आत्मविश्लेषण, संयम और आध्यात्मिक उपायों के माध्यम से संतुलन बनाए रखना होगा।

विशेष रूप से सिंह, वृश्चिक, मकर, वृषभ और कर्क राशि वालों को सावधानी, परहेज़ और नियमित पूजा द्वारा इस कठिन समय को सकारात्मक दिशा में मोड़ने का प्रयास करना चाहिए। सही मार्गदर्शन और मानसिक स्थिरता से आप इस संयोग को भी एक सीख और अवसर में बदल सकते हैं।

डिस्क्लेमर नोट : सम्पूर्ण उपरोक्त जानकारी वैदिक ज्योतिष की गड़नाओ पे आधारित है। अपनी कुंडली का विशेष और सटीक फल जानने के लिए किसी योग्य ज्योतिष से भी परामार्श ले।

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