Raid 2 Review: भ्रष्टाचार की गहरी जड़ो से एक और लड़ाई ,RAID 1 से क्यों हैअलग ?

Raid 2 Review: लेखक: NewsFacts24 टीम | प्रकाशित तिथि: 1 मई 2025
Raid 2 और Raid दोनों का तुलनात्मक अध्यन किया जाये तो बहुत सी बातें Raid 2 में मन को झकझोरने वाली लगेंगी। जब 2018 में अजय देवगन की फिल्म “Raid” आई थी, तब इसने ईमानदारी, साहस और सच्चाई के प्रति समर्पण की एक नई परिभाषा पेश की थी। समाज में व्याप्त बेईमानी का फिल्मांकन बहुत ईमानदारी से इस फिल्म किया गया था। ईमानदार इनकम टैक्स अफसर अमय पटनायक की भूमिका में अजय देवगन ने दर्शकों को यह भरोसा दिलाया कि सत्य की राह कठिन हो सकती है, लेकिन अंततः जीत उसी की होती है।उस फिल्म में इलियाना डेक्रूस उनकी वाइफ थी जो इस स्नघर्ष में उनके साथ थी। अब, सात साल बाद Raid 2 सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है और यह पहले से कहीं ज़्यादा बड़ी, गंभीर और राजनीतिक रूप से संवेदनशील कहानी के रूप में सामने आई है।
हमारी टीम द्वारा प्रस्तुत Raid 2 Review एक विशेष रिपोर्ट है जिसमें हम Raid 1 और Raid 2 की गहराई से तुलना करेंगे — ताकि आप सभी यह समझ सकें कि दोनों फिल्मों में कितनी प्रगति हुई है, और क्या वाकई Raid 2 पहले भाग से बेहतर है?
कहानी किस तरह से अलग है ?Raid 2 Review:
Raid 1 की कहानी एक स्थानीय बेईमान नेता रतन सिंह (सौरभ शुक्ला द्वारा निभाया गया) के घर पर पड़ी रेड तक सीमित थी। पूरी फिल्म एक ही घर में चलती है,जिसमें पूरा परिवार किसी न किसी तरह से टैक्स चोरी में इन्वॉल्व रहता है। इस फिल्म में करदाताओं की ईमानदारी और सरकारी सिस्टम की जटिलता को सामने रखा गया। यह फिल्म एक सच्ची घटना से प्रेरित थी, जिसने आम आदमी को जुड़ने का मौका दिया।
Raid 2 Review :वहीं, Raid 2 का दायरा बहुत व्यापक है। अब कहानी सिर्फ एक व्यक्ति या एक घर तक केंद्रित नहीं है ,बल्कि पूरे राजनीतिक तंत्र की गहराई तक पहुंचती है।भ्रष्ट राजनेत, भ्रष्ट अधिकारी और बीच के दलाल सभी की जो छवि प्रस्तुत की गई है वो समकालिक समाज को जिवंत कर देती है। यह फिल्म सत्ता, भ्रष्टाचार और सिस्टम में छिपे गुनहगारों की पोल खोलती है।इस बार की Raid 2 अब सिर्फ घर में नहीं, बल्कि शहरों और राज्यों तक फैली है।
Raid 2 में इस बार IRS अफसर अमय पटनायक की चुनौती और भी बड़ी है। इस बार विरोधी एक राष्ट्रीय स्तर का भ्रष्ट राजनेता है जिसकी जड़ें दिल्ली की सत्ता तक फैली हुई हैं। IRS अफसर अमय पटनायक (अजय देवगन ) को अब सिर्फ किसी एक इंसान से नहीं, पूरे सिस्टम से भिड़ना है — जिसमें शामिल हैं राजनेता, अधिकारी और पावरफुल बिजनेस लॉबी।
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निर्देशन और प्रोडक्शन वैल्यू Raid 2 Review:
दोनों फिल्मों का निर्देशन राजकुमार गुप्ता ने किया है। Raid 1 में उन्होंने सीमित लोकेशन्स और साधारण सेटअप में जबरदस्त सस्पेंस और इमोशन लाया था।इस फिल्म ने समाज के सिर्फ एक अव्यवस्थित और बेईमान ढांचे का चित्रण किया लेकिन Raid 2 में उन्होंने बड़े बजट और टेक्निकल संसाधनों का अच्छा इस्तेमाल किया है।
समाज का एक बड़ा और चारित्रिक रूप से भ्रष्ट वर्ग किस तरह नैतिक और सामाजिक पतन का कारण बन रह है Raid 2 अच्छे से प्रस्तुत करती है। सिनेमैटोग्राफी ज़्यादा विस्तृत है, बैकग्राउंड म्यूज़िक ज्यादा प्रभावशाली है और लोकेशन डाइवर्सिटी इसे और भी दमदार बनाती है। यह फिल्म राजनीतिक थ्रिलर का अनुभव देती है।
Raid 2 में दर्शकों को राजनीति से जुड़ी चालें, धमकियां, छुपी साज़िशें और स्मार्ट प्लानिंग के साथ थ्रिलर फिल्म जैसा अनुभव मिलता है। एक्शन सीन्स सीमित हैं लेकिन जब आते हैं तो असरदार होते हैं।
अंतिम समालोचना Raid 2:निष्कर्ष
अगर दर्शको को Raid 1 को पसंद आई थी तो Raid 2 आपके लिए एक अगले पायदान का या एक लेवल अप अनुभव होगी — ज्यादा स्केल, ज्यादा रिस्क, और ज्यादा असर।समाज का एक एलिट वर्ग किस तरह से देश को खोखला कर रह है इस पहलु को भी अब आप Raid 2 के जरिये महसूस कर पाएंगे।
Raid 1 ने जिस ईमानदार IRS अफसर की छवि को स्थापित किया था, Raid 2 ने उसी किरदार को और अधिक परिपक्व, सशक्त और साहसी बनाकर पेश किया है। दोनों फिल्मों का मूल भाव एक ही है — सच्चाई और ईमानदारी — लेकिन Raid 2 इसे बड़े स्तर पर और ज्यादा जोश व गहराई के साथ दिखाती है।
साभार : newsfacts24.com